एक बहुत व्यस्त प्रोजेक्ट पर लगभग 70 वैज्ञानिक काम कर रहे थे। काम के दबाव और अपने मालिक की मांगों के कारण वे सभी वास्तव में निराश थे लेकिन हर कोई उनके प्रति वफादार था और नौकरी छोड़ने के बारे में नहीं सोचता था। एक दिन, एक वैज्ञानिक अपने मालिक के पास आया और उससे कहा – सर, मैंने अपने बच्चों को वादा किया है कि मैं उन्हें अपनी टाउनशिप में चल रही प्रदर्शनी में ले जाऊंगा। इसलिए मैं शाम 5 बजे ऑफिस छोड़ना चाहता हूं। उनके बॉस ने जवाब दिया “ठीक है, आज आपको ऑफिस से जल्दी निकलने की अनुमति है”। वैज्ञानिक ने काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने लंच के बाद अपना काम जारी रखा। हमेशा की तरह लीन होकर काम करने लगा और जब उसने अपनी घड़ी को देखा, जब उसे लगा की समय पूरा होने के करीब है तब समय 8.30 बजे था। अचानक उसे अपने बच्चों को दिए गए वादे की याद आ गई।
Friday, 31 January 2020
A heart touching story about- Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam
एक बहुत व्यस्त प्रोजेक्ट पर लगभग 70 वैज्ञानिक काम कर रहे थे। काम के दबाव और अपने मालिक की मांगों के कारण वे सभी वास्तव में निराश थे लेकिन हर कोई उनके प्रति वफादार था और नौकरी छोड़ने के बारे में नहीं सोचता था। एक दिन, एक वैज्ञानिक अपने मालिक के पास आया और उससे कहा – सर, मैंने अपने बच्चों को वादा किया है कि मैं उन्हें अपनी टाउनशिप में चल रही प्रदर्शनी में ले जाऊंगा। इसलिए मैं शाम 5 बजे ऑफिस छोड़ना चाहता हूं। उनके बॉस ने जवाब दिया “ठीक है, आज आपको ऑफिस से जल्दी निकलने की अनुमति है”। वैज्ञानिक ने काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने लंच के बाद अपना काम जारी रखा। हमेशा की तरह लीन होकर काम करने लगा और जब उसने अपनी घड़ी को देखा, जब उसे लगा की समय पूरा होने के करीब है तब समय 8.30 बजे था। अचानक उसे अपने बच्चों को दिए गए वादे की याद आ गई।
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